9 जुलाई की सुबह विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था | इसके बाद STF की टीम विकास दुबे को लाने उज्जैन पहुंची थी | इसके बाद कानपुर आते समय पुलिस की कार पलट गयी और मौका देखकर विकास दुबे ने एक पुलिस कर्मी की पिस्तौल छीन ली और भागने की कोशिश करने लगा | इसके बाद उसे पुलिस ने घेर लिया तो वो फायरिंग करने लगा | फिर पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही की और शूटआउट में विकास दुबे मारा गया |
इसके बाद पुलिस द्वारा उसके शव को लाला लाजपत अस्पताल लाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया | हालाँकि अब पुलिस की इस कार्यवाही पर सवाल भी उठ रहे है | कई लोग इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे है, तो कई लोग पुलिस की तारीफ कर रहे है |